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अस्थमा (Asthma) एक गंभीर बीमारी है, जो श्वास नलिकाओं को प्रभावित करती है। श्वास नलिकाएं फेफड़े से हवा को अंदर-बाहर करती हैं। अस्थमा होने पर इन नलिकाओं की भीतरी दीवार में सूजन होता है। यह सूजन नलिकाओं को बेहद संवेदनशील बना देता है और किसी भी बेचैन करनेवाली चीज के स्पर्श से यह तीखी प्रतिक्रिया करता है। जब नलिकाएं प्रतिक्रिया करती हैं, तो उनमें संकुचन होता है और उस स्थिति में फेफड़े में हवा की कम मात्रा जाती है। इससे खांसी, नाक बजना, छाती का कड़ा होना, रात और सुबह में सांस लेने में तकलीफ आदि जैसे लक्षण पैदा होते हैं।
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अस्थमा को ठीक नहीं किया जा सकता, लेकिन इस पर नियंत्रण पाया जा सकता है, ताकि दमे से पीड़ित व्यक्ति सामान्य जीवन व्यतीत कर सके। दमे का दौरा पड़ने से श्वास नलिकाएं पूरी तरह बंद हो सकती हैं, जिससे शरीर के महत्वपूर्ण अंगों को आक्सीजन की आपूर्ति बंद हो सकती है। यह चिकित्सकीय रूप से आपात स्थिति है। दमे के दौरे से मरीज की मौत भी हो सकती है।
अस्थमा या अस्थमा एक अथवा एक से अधिक पदार्थों (एलर्जेन) के प्रति शारीरिक प्रणाली की अस्वीकृति (एलर्जी) है। इसका अर्थ है कि हमारे शरीर की प्रणाली उन विशेष पदार्थों को सहन नहीं कर पाती और जिस रूप में अपनी प्रतिक्रिया या विरोध प्रकट करती है, उसे एलर्जी कहते हैं। हमारी श्वसन प्रणाली जब किन्हीं एलर्जेंस के प्रति एलर्जी प्रकट करती है तो वह अस्थमा होता है। यह साँस संबंधी रोगों में सबसे अधिक कष्टदायी है। अस्थमा के रोगी को सांस फूलने या साँस न आने के दौरे बार-बार पड़ते हैं और उन दौरों के बीच वह अकसर पूरी तरह सामान्य भी हो जाता है।
अस्थमा यूनानी शब्द है, जिसका अर्थ है – ‘जल्दी-जल्दी साँस लेना’ या ‘साँस लेने के लिए जोर लगाना’। जब किसी व्यक्ति को अस्थमा का दौरा पड़ता है तो वह सामान्य साँस के लिए भी गहरी-गहरी या लंबी-लंबी साँस लेता है; नाक से ली गई साँस कम पड़ती है तो मुँह खोलकर साँस लेता है। वास्तव में रोगी को साँस लेने की बजाय साँस बाहर निकालने में ज्यादा कठिनाई होती है, क्योंकि फेफड़े के भीतर की छोटी-छोटी वायु नलियाँ जकड़ जाती हैं और दूषित वायु को बाहर निकालने के लिए उन्हें जितना सिकुड़ना चाहिए उतना वे नहीं सिकुड़ पातीं। परिणामस्वरूप रोगी के फेफड़े फूल जाते हैं, क्योंकि रोगी अगली साँस भीतर खींचने से पहले खिंची हुई साँस की हवा को ठीक से बाहर नहीं निकाल पाता।
अस्थमा के लक्षण
अस्थमा या तो धीरे-धीरे उभरता है अथवा एकाएक भड़कता है। जब अस्थमा या अस्थमा एकाएक भड़कता है तो उससे पहले खाँसी का दौरा होता है, किंतु जब अस्थमा धीरे-धीरे उभरता है तो उससे पहले आमतौर पर श्वास प्रणाली में संक्रमण हो जाया करता है। अस्थमा का दौरा जब तेज होता है तो दिल की धड़कन और साँस लेने की रफ्तार दोनों बढ़ जाती हैं तथा रोगी बेचैन व थका हुआ महसूस करता है। उसे खाँसी आ सकती है, सीने में जकड़न महसूस हो सकती है, बहुत अधिक पसीना आ सकता है और उलटी भी हो सकती है। दमे के दौरे के समय सीने से आनेवाली साँय-साँय की आवाज तंग श्वास नलियों के भीतर से हवा बाहर निकलने के कारण आती है। अस्थमा के सभी रोगियों को रात के समय, खासकर सोते हुए, ज्यादा कठिनाई महसूस होती है।
छींक आना
सामान्यतया अचानक शुरू होता है
किस्तों मे आता है
रात या अहले सुबह बहुत तेज होता है
ठंडी जगहों पर या व्यायाम करने से या भीषण गर्मी में तीखा होता है
दवाओं के उपयोग से ठीक होता है, क्योंकि इससे नलिकाएं खुलती हैं
बलगम के साथ या बगैर खांसी होती है
सांस फूलना, जो व्यायाम या किसी गतिविधि के साथ तेज होती है
शरीर के अंदर खिंचाव (सांस लेने के साथ रीढ़ के पास त्वचा का खिंचाव)
अस्थमा के कारण
अस्थमा कई कारणों से हो सकता है। अनेक लोगों में यह एलर्जी मौसम, खाद्य पदार्थ, दवाइयाँ इत्र, परफ्यूम जैसी खुशबू और कुछ अन्य प्रकार के पदार्थों से हो सकता हैं; कुछ लोग रुई के बारीक रेशे, आटे की धूल, कागज की धूल, कुछ फूलों के पराग, पशुओं के बाल, फफूँद और कॉकरोज जैसे कीड़े के प्रति एलर्जित होते हैं। जिन खाद्य पदार्थों से आमतौर पर एलर्जी होती है उनमें गेहूँ, आटा दूध, चॉकलेट, बींस की फलियाँ, आलू, सूअर और गाय का मांस इत्यादि शामिल हैं। कुछ अन्य लोगों के शरीर का रसायन असामान्य होता है, जिसमें उनके शरीर के एंजाइम या फेफड़ों के भीतर मांसपेशियों की दोषपूर्ण प्रक्रिया शामिल होती है। अनेक बार अस्थमा एलर्जिक और गैर-एलर्जीवाली स्थितियों के मेल से भड़कता है, जिसमें भावनात्मक दबाव, वायु प्रदूषण, विभिन्न संक्रमण और आनुवंशिक कारण शामिल हैं। एक अनुमान के अनुसार, जब माता-पिता दोनों को अस्थमा या हे फीवर (Hay Fever) होता है तो ऐसे 75 से 100 प्रतिशत माता-पिता के बच्चों में भी एलर्जी की संभावनाएँ पाई जाती हैं।
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जानवरों से (जानवरों की त्वचा, बाल, पंख या रोयें से)
पेड़ और घास के पराग कण
धूलकण
सिगरेट का धुआं
वायु प्रदूषण
ठंडी हवा या मौसमी बदलाव
पेंट या रसोई की तीखी गंध
सुगंधित उत्पाद
मजबूत भावनात्मक मनोभाव (जैसे रोना या लगातार हंसना) और तनाव
एस्पिरीन और अन्य दवाएं
विशेष रसायन या धूल जैसे अवयव
पारिवारिक इतिहास
तंबाकू के धुएं से भरे माहौल में रहनेवाले शिशुओं को अस्थमा होने का खतरा होता है। यदि गर्भावस्था के दौरान कोई महिला तंबाकू के धुएं के बीच रहती है, तो उसके बच्चे को अस्थमा होने का खतरा होता है।
मोटापे से भी अस्थमा हो सकता है। अन्य समस्याएं भी हो सकती हैं।
क्या अस्थमा इन मायनों में आपके जीवन को प्रभावित कर रहा है!
क्या आप मेलों, चिड़ियाघर और अन्य सार्वजनिक जगह पर जाने से डरते है?
क्या आप उद्यान में जाने से डरते है?
क्या आप सार्वजनिक स्थानों से बचते है?
क्या आप एयर कंडीशनर के आसपास में बेठने से डरते है?
क्या आपके हमेशा यह तनाव रहता है की मुझे कही भी अस्थमा का दौरा पड़ सकता है?
क्या आप जॉगिंग या व्यायाम करने से भी डरते है की कही आपको अस्थमा का दौरा न पड़ जाये?
अस्थमा का प्राकृतिक उपचार
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हकीम हाशमी जो उपयोगी जड़ी बूटियों की खोज में अपने पूरे जीवन समर्पित कर नई औषधियां विकसित की है, जोकि विभिन्न क्षेत्रों से इस प्रणाली को भी औषधीय पहलू की कई पीढ़ियों से बंद टिप्पणियों पर आधारित है. आधुनिक अनुसंधान उपकरण, जड़ी बूटी पर औषधीय अध्ययन की मदद से, हकीम हाशमी ने कई तरह की चिकित्सा के पुराने फार्मूलों के संशोधन कर अस्थमा के इलाज के लिए शक्तिशाली और नई दवाओं का शोध कर लाखो लोगो को उपचार प्रदान किया है. यदि कोई अस्थमा रोगी धुम्रपान करता है तो आप हमारी दवा से धुम्रपान का सेवन करने वाले व्यक्ति को बिना बताए उसकी धुम्रपान की आदत बहुत ही सरलता के साथ छुड़ा सकते हैं यूनानी सिस्टम राष्ट्रीय स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली के अनुसार, “यूनानी दवा विभिन्न समस्यों के इलाज का एक अभिन्न हिस्सा है”
ब्रोंनकिल कैप्सूल एक 100% प्राकृतिक दवा है. इसमें सबसे बड़ी गुणवत्ता फेफड़ों को मजबूत बनाना और सामान्य श्वास बनाये रखना है. यह फ्लू और खाँसी, घरघराहट तथा अन्य अस्थमा लक्षण के जोखिम को कम करता है, और सामान्य शरीर कमजोरी, कम.खुराक तथा फेफड़े के ख़राब होने आदि के जोखिम को कम करने में आपकी मदद करता है
हमारे उत्पाद ब्रोंनकिल कैप्सूल एक हर्बल दवा है जिसका 95% तेजी से अस्थमा के उपचार में सफलता प्राप्त है. यह स्वाभाविक है यह लाभदायक चिकित्सा विशेष गुणों, प्रभाव और अन्य जड़ी बूटी के संग्रह का अद्वितीय मिश्रण है. हाशमी ब्रोंनकिल कैप्सूल अस्थमा के लिए बेहतरीन प्राकृतिक दवा है. यह पक्ष प्रभाव से मुक्त है. यह औषधि उम्र अथवा गंभीरता की परवाह किए बिना प्रभावी है.
सुस्ती या कमजोर निर्गमन अंगों को बल प्रदान करना। रोगी पदार्थों को शरीर से बाहर निकालने के लिए समुचित आहार कार्यक्रम प्रदान करना। शरीर का पुनर्निमाण करना अथवा शरीर की कमजोरी को दूर करना। यह आपको पाचन स्वस्थ को मज़बूत करता है जिससे की आपको भोजन ठीक तरह से हजम होकर शरीर को लगे। फेफड़ों को बल प्रदान करे, उनमें लचीलापन आए, पाचन क्रिया सुधरे और तेज हो तथा श्वास प्रणाली बलशाली हो।
अस्थमा -क्या करें और क्या न करें
ऐसा करें
धूल से बचें और धूल -कण अस्थमा से प्रभावित लोगों के लिए एक आम ट्रिगर है
Category: Health
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Created by: drhashmi
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